राजयोग फाउंडेशन किसी भी राष्ट्र की सच्ची समृद्धि केवल उसका आर्थिक विकास ही नहीं है बल्कि उसकी आध्यात्मिक विरासत की समृद्धि उसकी विविध संस्कृतियों की जीवंतता । उस राष्ट्र की शिक्षा प्रणाली की शक्ति और उसके लोगों की भलाई में ही निहित है । भारत के समग्र विकास को बढ़ावा देने की गहरी प्रतिबद्धता हमारे फाउंडेशन की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है ।
संकल्प से सिद्धि तक की यात्रा एक प्रेरणादायक और आत्मविश्वास भरी कहानी है। जब व्यक्ति एक दृढ़ संकल्प करता है, तो उसके मन में एक स्पष्ट लक्ष्य और उसे प्राप्त करने की इच्छा होती है। संकल्प में दृढ़ता और समर्पण होना आवश्यक है। यह मार्ग चुनौतियों और कठिनाइयों से भरा हो सकता है, लेकिन अपने संकल्प पर अडिग रहते हुए, मेहनत और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हर छोटी सफलता एक नए उत्साह का संचार करती है। संकल्प की शक्ति हमें आत्मविकास और आत्मसाक्षात्कार की दिशा में ले जाती है। अंततः, जब हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं, तो वह हमारे संकल्प की सिद्धि कहलाती है। इस प्रक्रिया में हम अपने आत्मबल को पहचानते हैं और जीवन में नई ऊंचाइयों को छूते हैं। संकल्प से सिद्धि की यह यात्रा हमारे जीवन को उद्देश्यपूर्ण और सार्थक बनाती है।
संकल्प से सिद्धि तक का सफर एक अद्वितीय यात्रा होती है जो दृढ़ निश्चय, मेहनत और आत्मविश्वास से भरी होती है। संकल्प वह बीज है जिसे सफलता की भूमि में बोया जाता है। जब व्यक्ति एक निश्चित लक्ष्य के प्रति संकल्पबद्ध होता है, तो वह अपने सभी प्रयासों को उस दिशा में केंद्रित करता है। इस प्रक्रिया में कई बाधाएँ और चुनौतियाँ सामने आती हैं, परंतु संकल्पवान व्यक्ति उन्हें अपने धैर्य और साहस से पार करता है।
संकल्प व्यक्ति को न केवल लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग पर अग्रसर करता है, बल्कि उसे एक नई दृष्टि और सोच भी प्रदान करता है। यह उसे अपने आंतरिक शक्ति का अहसास कराता है और उसे विश्वास दिलाता है कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। जब संकल्प के साथ निरंतर परिश्रम और समर्पण जुड़ता है, तो सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
सिद्धि की इस यात्रा में, संकल्प व्यक्ति का मार्गदर्शक होता है, जो उसे निरंतर प्रेरित करता रहता है। यह यात्रा न केवल लक्ष्य की प्राप्ति का नाम है, बल्कि इसमें मिलने वाले अनुभव और सीख भी व्यक्ति के जीवन को समृद्ध बनाते हैं। संकल्प से सिद्धि तक का सफर एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे एक दृढ़ संकल्प किसी भी असंभव को संभव बना सकता है।
वस्तुतः सभी धर्मों के पास अपने धर्म ग्रंथ हैं परंतु भारतीय संस्कृति प्रदत्त जो अध्यात्म दर्शन है वह किसी के पास नहीं । यह जितना तार्किक है उतना ही गूढ़ । राजयोग फाउंडेशन इसी आध्यात्मिक जागरण की बात करता है ।
‘’अहिंसा परमो धर्मः’’ वाला हमारा राष्ट्र धर्म के सभी तत्वों का निरूपण बड़ी सहजता से करता आया है । तभी तो यह सनातन है और अनंत है । भारतीय दर्शन एवं संस्कृति धर्म के नाम पर इष्ट वंदना तक सीमित नहीं है ।
मस्तिष्क स्वस्थ रहे इसके लिए तन का स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है । स्वस्थ आत्मा स्वस्थ तन में ही निवास करती है इस मूल मंत्र को अंगीकार करते हुए राजयोग फाउंडेशन अपने अनेक जनकल्याण कार्यक्रमों द्वारा..
किसी भी समृद्ध राष्ट्र के मूल में शिक्षा का स्थान सबसे ऊपर है । शिक्षित समाज की परिष्कृत सोच हमें विकासशील से विकसित की ओर ले जाती है । यह वह आधारशिला है जो हमें दूसरों से अलग करती है ।
हमारी संस्कृति उत्सव, परंपराओं, कला, संगीत आदि का मिश्रण है । यह विविधता ही भारत की आत्मा है जहां अलग-अलग धर्म संप्रदाय अपनी-अपनी संस्कृति के अनुसार जीवन जीते हैं और एक भारत सशक्त भारत..
प्रस्तावित श्री खाटू श्याम जी के मंदिर निर्माण के लिए यथासंभव सहयोग करें | राजयोग फाउंडेशन बाराबंकी शहर में श्री खाटू श्याम जी के भव्य मंदिर निर्माण का संकल्प ले चुका है |भूमि पूजन के साथ विधिवत शुभारंभ हो चुका है A आप सभी मुक्त हाथों से इस पवित्र कार्य में सहयोग करके असीम पूर्ण के भागी बन सकते हैं A हमारी वेबसाइट द्वारा ऑनलाइन डोनेशन के माध्यम को चुन सकते हैं अथवा सीधे हमारे ऑफिस से संपर्क कर सकते हैं | मंदिर निर्माण में दिया गया आपका दान आयकर से मुक्त होगा | श्री खाटू श्याम जी की कृपा आपके पूरे परिवार पर निरंतर बरसती रहे इसी मनोभावना के साथ फाउंडेशन अपने प्रत्येक कार्यक्रम में आपका हृदय से स्वागत करता है |